ममता शर्मा "अंचल"अलवर (राजस्थान)
उससे पूछा कुछ दिन पहले
बनकर मीत साथ में रह ले
रिश्ते को मजबूती देकर
फिर जो जी में आए कहले
गम या खुशी मिले जो भी जब
बिन पछताए मिलकर सह ले
फिर भी दर्द न सह पाए तो
छुप छुप कर आँखों से बहले
हर आँसू का क्या कारण है
दिल में उतर अश्क की तह ले
दुख है अगर पास तेरे तो
मेरा सुख तेरा है यह ले
भेद न कर अंचल ले ले प्रण
जिसकी जो चाहत है वह ले।।।।