(लोगों का आरोप है कि चावला बेकरी के संचालकों की कुछ बीजेपी नेताओं से अच्छी पकड़ के चलते, नगर निगम नही कर पा रहा गत् चार वर्षो से कोई कार्यवाही)
डाटला एक्सप्रेस संवाददाता
गाज़ियाबाद:-उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों मे जगह-जगह अतिक्रमण, अवैध मार्केट्स, अवैध रिक्शा/ऑटो स्टैंड जैसी समस्याएं किसी से भी नहीं छुपी, जिनसे आम लोगों को हर दिन जुझना पड़ता है। इसी समस्या को ध्यान मे रखते हुए अभी कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सभी जनपदों मे तैनात समस्त अधिकारियों को जल्द से जल्द हर प्रकार के अतिक्रमण, अवैध मार्केट्स, अवैध रिक्शा/ऑटो स्टैंड्स को जल्द से जल्द हटाने के निर्देश दिये थें, जिसके लिये उन्होंने 48 घंटों की समय सीमा भी निर्धारित की थी। परंतु क्या आज इतने दिन बीत जाने के बाद भी कोई भी अधिकारी उनके आदेशों का सही मायने मे पालन कर पाया है, इसका जवाब है नहीं, क्यूंकि आज भी आप कहीं भी जाए हर जगह आपको भारी अतिक्रमण, अवैध मार्केट्स, अवैध रिक्शा स्टैंड देखने को मिल जायेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस पहल को ध्यान मे रखते हुए दिनांक 12.10.2022 को उत्तर प्रदेश के जनशिकायत पोर्टल पर एक सन्दर्भ संख्या 40014022041155 दर्ज करवाई गई थी, जिसमें प्लॉट संख्या एस 24, बी ब्लॉक, शालीमार गार्डन, एक्सटेंशन 2 पर संचालित केक टाॅउन चावला बेकरी द्वारा उनकी बेकरी के सामने चन्द्रशेखर पार्क की दीवार से सटा अतिक्रमण कर रखे गये जनरेटर सेट को हटवाने की मांग की गई थी, जिस पर नगर निगम द्वारा उनकी तथाकथित एवं विशेष जांच आख्या पत्रांक संख्या 4696 स्वास्थ्य दिनांक 31.10.2022 प्रेषित कर अतिक्रमण की बात को सिरे से पीते हुए इसे प्रदूषण विभाग से संबंधित मामला बता शिकायत का निस्तारण कर दिया गया।
(पूर्व मे इसी विषय पर की गई शिकायत मे नगर निगम द्वारा जनरेटर हटाने के दिये जा चुके हैं निर्देश)
इस शिकायत के अतिरिक्त इसी विषय पर एक अन्य शिकायत दिनांक 15.03.2018 मे भी दर्ज करवाई जा चुकी है, जिसके सन्दर्भ संख्या 40014019008007 पर तत्कालीन जोनल प्रभारी मोहन नगर जोन द्वारा प्रेषित आख्या पत्रांक संख्या 2822 दिनांक 29.03.2019 को संलग्न किया जा रहा है जिसमें चावल बेकरी के विरुद्ध धारा 296 के अंतर्गत नोटिस जारी कर पत्र प्राप्त होने के 7 दिनों के भीतर इसी जेनरेटर सेट को हटा रास्ता अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश पारित किये गये थें, किन्तु लगभग तीन वर्ष बीत जाने के पश्चात भी बेकरी मालिक द्वारा नगर निगम के आदेशों की अवहेलना करते हुए इस जनरेटर को नही हटाया गया, जिसके चलते हमारे द्वारा पुनः शिकायत की गई तो उस पर नगर निगम द्वारा अति भ्रामक आख्या प्रेषित कर प्रदूषण विभाग से संबंधित होना बता कर मामले को रफा-दफा कर दिया गया, जो कही न कही नगर निगम के अधिकारियों से चावला बेकरी के मालिक की अंदरुनी साठगांठ को दर्शाता है।
वैसे तो यही नगर निगम दिन भर शहर मे जगह-जगह अतिक्रमण को हटाने की डींगे हाकता रहता है किन्तु एक आलीशान बेकरी और क्षेत्र मे प्रभावशाली उसके मालिक द्वारा सड़क पर बर्षों से अतिक्रमण कर रखे गये जनरेटर को हटवाने मे लाचार दिखाई पड़ता है।
(चावला बेकरी के संचालकों की बीजेपी मे अच्छी पकड़ जनहित पर पड़ रही है भारी)
चावला बेकरी के मालिक का बीजेपी से जुड़ाव जग जाहिर है और इसमे कोई बूरी बात नही है, किंतु यही जुड़ाव यदि जनहित के किसी कार्य मे बाधा बने तो यहा चीजे बदल जाती हैं, जैसा इस जनरेटर के मामले मे भी देखा गया कि किस प्रकार बीजेपी नेताओं का दखल और जोर जनरेटर हटवाने से ज़्यादा उसे उसी स्थान पर बनाए रहना था। शायद इसीलिये नगर निगम भी इस मामले मे पूर्व की भाती दुरुस्त दिखाई देने की जगह सुस्त दिखाई दिया।
बेकरी के बाहर रखा जनरेटर सैट