कवि व सैनिक कुन्दन कुमार उपाध्याय "जयहिंद "को मिला विद्यावाचस्पति पीएचडी का सारस्वत सम्मान

डाटला एक्सप्रेस संवाददाता 

सीआई एस एफ( डी एम आर सी) नई दिल्लीमैं कार्यरत कुंदन कुमार उपाध्याय को सुदीर्घ हिंदी सेवा सारस्वत साधना एवं कला के क्षेत्र मैं महत्वपूर्ण उपलब्धियां के साथ उनकी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा के आधार पर विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ गांधीनगर भागलपुर ने विद्यावाचस्पति (पी एच डी )मानद उपाधि से सम्मानित कियाहै!

विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के कुलसचीव डॉक्टर देवेंद्र नाथ शाह कुलपति डॉक्टर तेज नारायण कुशवाहा कुलाधिपति डॉक्टर सुमन भाई मानस" भूषण "द्वारा कुंदन कुमार उपाध्याय को विद्यावाचस्पति पीएचडी सारस्वत सम्मान प्रदान किया गया है कुंदन कुमार उपाध्याय को पूरे देश में अनेकों काव्य मंचों एवं राष्ट्रीय हिंदी साहित्य संस्थानों कई पुरस्कार एवं सम्मान से नवाजा जा चुका है जिन्हें गीतों के  युवराज नाम से भी जाना जाता है 

इन्हें  विद्यावाचस्पति की सम्मानित उपाधि मिलने से इनके गौरवान्वित शुभचिंतकों ने अपनी हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई प्रेषित किया है कुंदन उपाध्याय जी के पिता डाक्टर नंदकुमार उपाध्याय ने कहा यह अपने बाबा हमारे  पूर्वज क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय पंडित श्री रामपालक उपाध्याय के गांव पिपरा गौतम की स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जन्म भूमि स्थलीय को बेटा कुंदन ने गौरवान्वित कर अपने कुल और जनपद बस्ती का नाम रोशन किया है हमारा स्नेह आशीर्वाद शुभकामनाएं बेटे के साथ है 

सेवारत विभाग सी आई एस एफ के मित्रों एंव वरिष्ठ अधिकारीयों एंव हार्दिक  सूर्य पब्लिक कान्वेंट इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या छोटी बहन श्रीमती श्यामलता उपाध्याय एवं कॉलेज के प्रबंधक पत्रकार समाजसेवी सूर्यनाथ उपाध्याय  भाऊक ने हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी 

एंव जनपद बस्ती के प्रेस क्लब अध्यक्ष पत्रकार विनोद उपाध्याय ने अपनी हार्दिक बधाई शुभकामनाएं प्रेषित की

पत्नी नीलम उपाध्याय और बच्चो ने बेहद खुशी जाहिर करते हुए हार्दिक बधाई दी

विद्यावाचस्पति की उपाधि डॉक्टरेट समकक्ष मानी जाती है कला और साहित्य के क्षेत्र में बेहतर और उल्लेखनीय कार्यों के लिए दी जाती है देश में भागलपुर स्थित विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ एकमात्र ऐसी संस्था है जो विद्यावाचस्पति मानद उपाधि प्रदान करती है

प्रेस वार्ता में कुंदन उपाध्याय ने बताया अपने बाबा स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय पंडित श्री रामपालक उपाध्याय को अपना आदर्श मानते हुए पिता डाक्टर नंदकुमार उपाध्याय को अपना प्रेरणा स्रोत मानते हुए ईश्वर और सभी सम्मानित प्रियजनों का स्नेह आशीर्वाद और अपनी जीवनसंगिनी नीलम उपाध्याय द्वारा मेरे कदम कदम पर की गई हौंसलाफजाई से यह मेरे लिए मुमकिन हो पाया है मैं सभी का सहृदयता से सम्मान एवं आभार व्यक्त करता हूं ।

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