(गंदगी व मक्खियों से भरपूर पाउडर वाले रसगुल्ले बेच भर रहा अपनी जेब, क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा नही कि जा रही कोई कार्यवाही)
डाटला एक्सप्रेस संवाददाता
गाज़ियाबाद के साहिबाबाद स्थित हर्ष विहार सेकंड, 18 फुटा रोड, विकास गुर्जर वाली गली के सामने, एल टाइप के कोने वाले मकान में परचून की दुकान के पीछे बने गोदाम में मिलावटखोर कमल की क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी के संरक्षण से मौज कट रही है।
मिलावटखोर कमल द्वारा पाउडर युक्त रसगुल्ले बनाने का काम अन्य घटिया सामग्रियों का ईस्तेमाल करते हुए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। जिसकी बड़ी खेप दिल्ली-एनसीआर के बाजारों मे संचालित कई नामी दुकानों पर रोजाना बिक्री हेतु भेजी जाती है, जहां इन रसगुल्लों की खराब गुणवत्ता से अंजान आम लोग इन्हें खरीद बड़ी ही चाव से खाते हैं क्यूंकि उन्हें नही पता कि इन रसगुल्लों को खाने से उनके स्वास्थ्य पर कितना अधिक दुष्प्रभाव पड़ रहा है।
इस अवैध रसगुल्ले बनाने वाली फैक्ट्री की पूर्ण/सम्पूर्ण जानकारी क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी को भली-भांति है परंतु फिर भी कमल नामक व्यक्ति के इस अवैध संचालित खाद्य सामाग्री बनाने वाले गोदाम पर आज दिन तक क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा आज तक इस गोदाम व इसके संचालक कमल के विरुद्ध कोई भी कानूनी कार्यवाही नही कि गई, और ऐसा क्यूँ है यह समझ पाना कोई मुश्किल नही।
रसगुल्लों को बनाने वाले पाउडर, उसे तलने के लिये ईस्तेमाल हो रहे तेल समेत हर प्रकार की सामग्रियों की गुणवत्ता बहुत ही घटिया है, फैक्ट्री मे चारों ओर गंदगी की भरमार है, जिसे आप फोटो में भी साफ तौर पर देख सकते हैं कि किस प्रकार कमल नामक व्यक्ति के यहां पर रखें रसगुल्लों के भगोनों में मच्छर और मक्खियाँ मरी हुई पड़ी है, वही फैक्ट्री मे काम करने वाले कामगारों भी हाइजीन का बिल्कुल ध्यान नही रखते, अब ज़रा सोचें कि इस प्रकार से बने रसगुल्लों को कोई व्यक्ति खाएगा तो उसके स्वास्थ्य पर क्या असर होगा।
मामले की गंभीरता व जनहित को देखते हुए हमारे द्वारा तत्काल इसकी शिकायत जनपद, मंडल व शासन स्तर पर की जा रही है। जिसमें क्षेत्रीय खाद्य सुरक्षा अधिकारी सहित इस अवैध रसगुल्लों की फैक्ट्री मालिक कमल के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही करने व इस फैक्ट्री को तत्काल सील बंद करने की मांग की जायेगी।