डाटला एक्सप्रेस की प्रस्तुति
एक दिन अचानक
सब इतिहास हो जाएगा
नदियां हवाएं बादल घटाएं
पथरीली राहें मखमली फिजायें
कहानियां किस्से और कविताएं
लिखे अल्फाज़
अधूरे अहसास
सब इतिहास हो जाएगा
एक दिन अचानक ..
मेले, महफिलें जश्न
अभावों में दम तोडता प्यार
कहीं धन दौलत बेशुमार
प्यार सौदा व्यापार
दोस्ती छल कपट मौकापरस्ती
सतयुग कलयुग त्रेता द्वापर
कृष्ण सुदामा चना चबेना
सब इतिहास हो जाएगा
अचानक एक दिन ..
किताबी बातें आदर्श वाक्य
राजनीतिक कूटनीति
शिखर उत्थान पतन
तारीफ़ निंदा भरोसा
कलाकाट प्रतिस्पर्धा
सहारा सफ़लता हार जीत
प्रेम प्रीत
पीठ पीछे वार
जमीर, अभिनय, अपना पराया
सब इतिहास हो जाएगा
एक दिन अचानक ..
रूठना मनाना
इल्जा़म तोहमतें वेवजह आरोप
हर दिन बात बात पर सफा़ई
गवाह बेगुनाही सजा़
बेबसी बेचैनी बयान
आंसू दम तोडते सबूत
मान अपमान
जुदाई मिलन रूसवाई
सब इतिहास हो जाएंगे
एक दिन अचानक ..
श्वेत वस्त्र सोलह श्रंगार
सूना आंचल आहें किल्कारियां
सिसकियां खनखनाती कलाईयाँ
आशीष अपशब्दों में पिसती
जिंदगी जिम्मेदारीयां
किस्मत कुदरत कानून
अन्याय न्याय
टूटते सपने
साथ छोडते अपने
सब इतिहास हो जाएगा
एक दिन अचानक ..
धुंधली होती तश्वीरें
यादें वायदें इरादे
उम्मीद आगाज़ परवाज़
नदियों के किनारे
हरेभरे दरख्त, छांव
परिंदों का कलरव
मंदिर, घंटियां शंख की आवाज़
लोक परलोक भजन जीवन दर्शन
सच तो यही है
सब इतिहास हो जाएगा
एक दिन अचानक ..
डा विजय पंडित
मेरठ (उत्तर प्रदेश)