जीडीए प्रवर्तन जोन पांच के अभियंताओं की आंख का तारा बना अवैध निर्माणों से भरपूर जयपुरीया सनराइस ग्रीन्स "ब्लॉक जी" नामक प्रोजेक्ट।










(स्वीकृत नक्शे के विपरीत हो रहे निर्माण अभियंताओं की काली कमाई का बने हुए हैं ज़रिया) 

डाटला एक्सप्रेस संवाददाता

जीडीए प्रवर्तन जोन पांच (05) अंतर्गत शाहपुर बमहेटा स्थित जयपुरीया सनराइस ग्रीन्स "ब्लॉक जी" (JAIPURIA SUNRISE GREENS BLOCK G) नामक प्रोजेक्ट का विकास और उसमें हो रहे अनेकों अवैध निर्माण जोन अभियंताओं के संरक्षण मे वर्षों से चला आ रहा है। उक्त प्रोजेक्ट कई हज़ार वर्ग गज में फैली हुई है। जिसमे 50 से 500 गज तक के कई प्लॉट्स प्रोजेक्ट के विकासकर्ता द्वारा अब तक काटे व बेचे जा चुके हैं। जिनमें से कई प्लॉट्स प्लॉट्स पर तो निर्माणकर्ताओं द्वारा पूरी तरह अवैध निर्माण किये भी जा चुके हैं व कइयों पर क्षेत्रीय अवर अभियंता की मेहरबानी से अब भी जारी है।

यदि कोई प्रवर्तन जोन पांच का इस क्षेत्र मे समय समय पर तैनात रहे अवर अभियंताओं या प्रभारीयों से इस विषय में पूछे तो शायद वह अपनी संलिप्तता इस कॉलोनी में हुए और अब भी हो रहे अवैध निर्माणों में मना कर दे, परंतु ऐसा नहीं है। उदाहरण के लिये कोई व्यक्ति अपने पूर्व निर्मित मकान में गलती से एक छज्जा भी डालता मिल जाये तो इनका बुलडोजर दस्ता उसे तोड़ने पहुंच जाता है, तो क्या इतनी बड़ी कॉलोनी में बिना इनकी जानकारी के इतने वर्षों से इतने अधिक अवैध निर्माण हो गये और इन्हें पता भी नहीं चला। उक्त प्रोजेक्ट अंतर्गत हो चुके व हो रहे अवैध निर्माणों की अनेकों शिकायतें भी प्राधिकरण को समय-समय पर प्राप्‍त होती रहती हैं, परंतु जोन अभियंताओं के साथ कॉलोनी के विकासकर्ता एवं निर्माणकर्ताओं के बीच सांठ-गांठ के चलते आज दिन तक उक्त कॉलोनी के विरुद्ध कोई भी उचित डिमोलिशिंग या सीलिंग की कार्यवाही नहीं हो पाई। 

वैसे तो जीडीए के फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया पेज पर जाकर देखें, तो रोज कहीं ना कहीं इनका बुल्डोजर गाज़ियाबाद के किसी दूर दराज स्थित गांव में कोई 25 या 50 गज के प्लॉट पर हो रहे अवैध निर्माण की चार दीवारी को ध्वस्त कर भू-माफियाओं, अनाधिकृत कॉलोनी के विकासकर्ताओं व अवैध निर्माणकर्ताओं के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने की डींगे हांकता रहता है। परंतु मान्यवर यहां ज़मीनी सच्चाई इसके बिल्कुल विपरित है, दरअसल जोन 05 के अभियंताओं जैसे ही कुछ भ्रष्‍ट अधिकारियों के संरक्षण से आज पूरे गाज़ियाबाद जनपद में ऐसे ही सैकड़ों अवैध निर्माण फलफूल रहे हैं। इसी प्रकार उक्त JAIPURIA SUNRISE GREENS BLOCK G मे भी कई अवैध निर्माण क्षेत्रीय अवर अभियंता के संरक्षण मे फलफूल रहे हैं। 

उक्त JAIPURIA SUNRISE GREENS BLOCK G के संबंध मे जब नजदीकी लोगों से पता किया गया तो मालूम हुआ कि अब तक काटे गये प्लॉटों पर जब किसी निर्माणकर्ता द्वारा निर्माण को शुरू किया गया व जा रहा है तो, उसके कुछ समय पश्चात प्रवर्तन जोन पांच जीडीए से कोई कर्मचारी निर्माणकर्ता को स्वीकृत मानचित्र के विपरीत अवैध निर्माण करने को लेकर कारण बताओ नोटिस थमा जाता है, जिसमें फला दिन और समय पर प्राधिकरण में आ सक्षम अधिकारी के समक्ष (उक्त क्षेत्र/सबजोन का कार्य देख रहे अवर अभियंता) उपस्थित हो जवाब देने को कहा जाता है कि क्यूँ नहीं उसके निर्माण को सील या ध्वस्त कर दिया जाये, यानी निर्माणकर्ता पर एक प्रकार का मानसिक दबाव बनाया जाता है। खैर जब निर्माणकर्ता तय समय पर प्राधिकरण में डरा-सहमा पहुंचता है तो उसके साथ क्षेत्रीय अवर अभियंता द्वारा उसकी मानसिक स्थिति का फायदा उठाते हुए जो कि प्लॉट के साइज और उसके कुल फ्लोर्स पर निर्भर करती है के आधार पर अंडर टेबल भारी लेन देन किया जाता है। जो 10 हजार से लेकर 1 लाख रू या उससे भी अधिक हो सकता है। जिसके पश्चात निर्माणकर्ता को पूरी तरह स्वीकृत मानचित्र का विचलन कर निर्माण करने के लिये मुक्त कर दिया जाता है जिसे आप प्रकाशित ताजा तस्वीर मे साफ तौर पर देख सकते हैं, कि कैसे बिना खौफ निर्माणकर्ताओं द्वारा निर्माण नियमो की बैंड बजा क्षेत्रीय अवर अभियंता के संरक्षण मे अवैध निर्माण किया जा रहा है। कुछ इसी प्रकार कॉलोनी के विकासकर्ता का भी प्लॉट के साइज के आधार पर रेट तय किया हुआ है। अभी कुछ माह पूर्व इसी जोन पांच व एक अन्य जोन मे अवैध निर्माण के संबंध मे घूस लेने के कारण दो अवर अभियंताओं को निलंबित भी किया जा चुका है ये बात अलग है कि उन्हें जल्द से जल्द पुनः बहाल कर प्राधिकरण के अन्य क्षेत्रों का कार्य सौंप दिया गया। 

इस प्रकार जोन अभियंताओं की अकर्मण्यता और शासन द्वारा जारी आदशों-उपदेशों की उनके द्वारा अवहेलना उन्हें एक आपराधिक साजिशकर्ता और दुराग्रही साबित करती है जिसके लिए वह दण्ड के हकदार हैं। सरकार और न्याय की नैसर्गिक विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए इस हाई प्रोफाइल भ्रष्टाचार (साठगांठ) एवं उगाही लेकर जोन अभियंताओं द्वारा अवैध निर्माण होने देने, एवं जांच अधिकारियों द्वारा समय-समय पर शिकायतों पर झूठी तथा अधूरी जाँच रिपोर्ट लगाकर शासन और जनता को गुमराह करने के इस प्रकरण की जनहित मे जाँच एवं कार्रवाई अति आवश्यक है।

हमारे द्वारा प्रवर्तन जोन पांच के अभियंताओं की छत्रछाया मे हो रहे ऐसे ही अनगिनत अवैध निर्माणों की जानकारियां एकत्रित की जा रही हैं, जिन्हें जल्द प्रकाश मे ला जिला प्रशासन समेत, मंडल एवं शाशन स्तर के अधिकारियों तक उचित एवं निष्पक्ष कार्यवाही करने हेतु पहुंचाया जायेगा। 

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