इंस्पेक्टर लक्ष्मी चौहान सहित सात पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार के आरोप में बरी


ट्रू टाइम्स संवाददाता

मेरठ। न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (कोर्ट संख्या-2) ने भ्रष्टाचार के मामले में इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान, उपनिरीक्षक नवीन पचौरी, कांस्टेबल बच्चू सिंह, फराज खान, धीरज, सौरभ कुमार और सचिन शर्मा को बरी कर दिया है।

एडीजीसी क्रिमिनल महेंद्र सिंह ने बताया कि वादी राजीव सचान ने केस दर्ज कराया था कि ये आरोपी लिंक रोड गाजियाबाद क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात थे। इन्होंने राजीव को चेकिंग के नाम पर रोक लिया। उसके पास से एक करोड़ रुपये बरामद किए गए। आरोप है कि गिरफ्तारी के बाद कम रुपये की बरामदगी दिखाई गई। करीब 80 लाख रुपये का गबन करने का आरोप इंस्पेक्टर पर लगाया गया था। न्यायालय में आरोपी पक्ष की ओर से दलील दी कि उन्हें झूठा फंसाया जा रहा है। वादी के अधिवक्ता ने कड़ा विरोध किया। न्यायालय ने पत्रावली पर साक्ष्यों को देखते हुए आरोपियों को भ्रष्टाचार के आरोप से बरी किया गया।

इनाम घोषित होने पर लक्ष्मी ने किया था सरेंडर

गाजियाबाद। सितंबर 2019 में यह मामला सुर्खियों में रहा था। सीएमएस कंपनी के कैश कस्टोडियन राजीव सचान और उसके साथी आमिर को गबन के आरोप में लिंक रोड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तत्कालीन एसएचओ लक्ष्मी चौहान ने दोनों से 45.81 लाख बरामद दिखाए थे, जबकि सीओ की पूछताछ में आरोपियों से 1.15 करोड़ रुपए बरामद होने की बात सामने आई थी। शुरुआती जांच व सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर इंस्पेक्टर लक्ष्मी समेत सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ 25 सितंबर 2019 को भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया था। फरार होने के कारण सभी के घर पर कुर्की नोटिस चस्पा करते हुए 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। इनाम घोषित होते ही लक्ष्मी चौहान, धीरज भारद्वाज और बच्चू सिंह ने मेरठ की कोर्ट में सरेंडर किया था।

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