पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने पैदा किया, 270 लोगों के सामने रोज़गार संकट


डाटला एक्सप्रेस संवाददाता/8800201131

दिल्ली:-देश में कोविड पुनः अपना पैर पसार रहा है। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारी संख्या में लोग जो शहरो में काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं आज फ़िर काम धंधे ठप्प होने के चलते वापस अपने-अपने गांवों की तरफ रवाना हो रहे हैं।

पिछले वर्ष जब इस महामारी ने हमारे देश में दस्तक दी थी, जिसके कारण देश के सभी आम और खास नागरिक लॉकडाउन के चलते अपने-अपने घरों में सिमट कर रह गये थें। तब बिना किसी डर-भय के अपने कर्तव्यों का निर्वहन और देशवासियों की सेवा करने के लिये डॉक्टर्स व मैडिकल स्टाफ फ़िर चाहे वह नर्स, गार्ड, सफ़ाई कर्मचारी आदि कोई भी जो अस्पतालों में कार्यरत थे दिन-रात बिना अपनी जान की परवाह किये इस महामारी के चलते अपनी ज़िन्दगी से जुझ रहे लोगों की जानो को इस बचाने में लगे रहे, जिसके कारण मैडिकल स्टाफ के भी कई लोगों ने अपनी जाने गवां दीं। बावजूद इसके अपने परिवारों, रिश्तेदारों, दोस्तों यहां तक कि खुद की भी फिक्र छोड़ पूरे देश का मैडिकल स्टाफ अपने काम पर लगा रहा।आज उन्हीं की लगन व मेहनत का नतीज़ा है कि हम खुद को पुनः सुरक्षित महसूस करने लगे हैं।

परंतु विडंबना देखिये जिन लोगों ने अपना सब कुछ दाव पर बिना किसी लोभ के देश व देशवासियों की सेवा के लिये लगा दिया आज उन्हीं के समक्ष सरकार व विभाग की अनदेखी के चलते अपनी रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।

इसी क्रम में प्राप्त सूचनानूसार पूर्वी दिल्ली नगर निगम 'दिलशाद गार्डन क्षेत्र' अंतर्गत आने वाले स्वामी दयानन्द अस्पताल जिसे हम जनरल के नाम से भी जानते हैं में पिछले सात से आठ वर्षों से काम कर रहे 270 से अधिक सुरक्षा गार्डों के सामने नये ठेकेदार आरके, सरकार और विभाग की नज़रअंदाजी के चलते भारी रोज़गार संकट पैदा हो गया है।

आपको बताते चलें कि उक्त अस्पताल में सुरक्षा गार्डों की उपलब्धता के लिए तकरीबन सात से आठ वर्ष पूर्व प्रणव/आनंद नामक व्यक्तियों को ठेका दिया गया था जो कि 31 मार्च 2021 को खत्म हो गया है। जिसके पश्चात विभाग ने पुनः ठेका खोला, जिसे आर.के नामक किसी व्यक्ति जो पटेल नगर दिल्ली निवासी है ने किसी फ़र्जी कंपनी के नाम से प्राप्त कर लिया, सूचनानुसार आर.के विभाग द्वारा ब्लैक लिस्टेड होने के चलते अन्य लोगों व फर्मों के नाम से ठेका उठा उन्हें संचालित करवाता है। स्वामी दयानंद अस्पताल में आरके द्वारा वैल प्रोडक्ट मैनपाॅवर सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड जो एफ-2, सेकंड फ्लोर, खसरा नंबर-737/3 व 737/6, मेन 100 फुटा रोड, एमसीडी स्कूल के पास, बुराड़ी, दिल्ली-110084 पर स्थित है नामक किसी कंपनी द्वारा ठेका उठाया गया है। आरके का हाल-फ़िलहाल गुरु तेग बहादुर (GTB) अस्पताल दिलशाद गार्डन में सिक्युरिटी गार्ड का ठेका चल रहा है। नये ठेकेदार आर.के ने आने से पहले ही यह सुनिश्चित कर दिया कि वह पुराने किसी भी सिक्युरिटी गार्ड को नहीं रखेगा और वह अपने ही लोगों को इसमे काम करने देगा। जिसके चलते 270 से ज़्यादा पुराने सुरक्षा गार्डों के रोज़गार पर संकट गहरा गया

नया ठेकेदार 'आर.के' सिक्युरिटी गार्डों की भर्ती के नाम पर प्रति व्यक्ति 15 से 20 हज़ार रुपये ले नियत तनख्वाह से कम पर कर रहा है नियुक्त


नाम ना बताने की शर्त पर अस्पताल के एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि आर.के अपने ऑफिस में 15 से 20 हज़ार रुपये लेकर नये गार्डों की नियुक्ति 9 से 10 हज़ार मासिक तनख्वा पर कर रहा है जबकि टेन्डरानुसार सिक्युरिटी गार्डों की तनख्वाह 28289.27 रुपये एवं सिक्युरिटी सुपरवाइजर्स की तनख्वाह 30874.66 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति माह सुनिश्चित की गई है। क्यूंकि पुराने सभी गार्डों की तनख्वा 12 से 15 हज़ार रुपये के बीच दी जाती रही है यही सबसे बड़ा कारण है कि उन्हें हटा कर नये गार्डों को 9 से 10 हज़ार में नियुक्त किया जा रहा है। जिससे प्रत्येक माह नये गार्डों की मेहनत से कमाये गये तनख्वाह के पैसों से ही लाखों की बचत कर आर.के अपनी और विभाग के कुछ अधिकारियों की जेबें भर सके, फ़िर चाहे कोई बेरोज़गार ही क्यूँ ना हो जाए। यदि इस तनख्वाह और भर्ती धांधली की जांच किसी स्वतंत्रत जांच एजेंसी द्वारा करवा दी जाये तो सारा मामला शीशे की भांति साफ हो जायेगा। और पता चलेगा कि इस ठेके के नाम पर ठेकेदार आरके कुछ विभागीय अधिकारियों मिलीभगत से कितने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहा है। 

पिछले 8 वर्षों से अपनी सेवा दे रहे हैं पुराने 270 सिक्युरिटी गार्ड, कोविड महामारी के दौरान भी नहीं हटे पीछे

आपको मालूम होना चाहिए यह वहीं गार्ड हैं जिन्होंने 8 वर्षों तक हर माहौल में अस्पताल में आ रहे मरीजों की सेवा की, कोविड के दौरान यही वह थें जो एक पैर पर खड़े रह कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे, क्या इनके परिवार नहीं है या इन्हें अपने जीवन से कोई मोह नहीं था जो इतनी भयानक महामारी में भी इन्होंने डट कर अपनी ड्यूटी निभाई। क्या इनका यही दोष है कि नये ठेकेदार आर.के को घूस देने के लिये इनके पास पैसे नहीं है, जी नहीं इनका दोष कुछ नहीं ब्लकि यह सब तो सम्मानित करने योग्य हैं जिन्होंने हर परिस्थिति में अपने कर्तव्यों का अच्छे से निर्वहन किया। कमी तो हमारे सिस्टम की है जो ऐसे लोगों को सम्मानित करने के स्थान पर उनका बहिष्कार करती है। विभागों के भीतर वातानुकूलित कमरों में बैठे अधिकारियों को भला क्या मालूम की किस प्रकार ठंडी, गर्मी और बरसात में यह लोग अपना काम करते हैं, आठ से दस घंटे तक अपने-अपने स्थानों पर खड़े रहकर अस्पताल को सुरक्षित रखते हैं। लेकिन सुविधाओं के नाम पर इन्हें कुछ नहीं मिलता, मिलता है तो विभाग और सरकार से केवल बहिष्कार, जो कि बहुत ज़्यादा निंदनीय है और आज तो इनकी रोजी-रोटी तक पर संकट के बादल मंडराने लगें हैं जो कि इन सभी 270 गार्डों के मनों में उदासीनता और इनके साथ विभाग द्वारा किए गये अन्याय की भावना को और अधिक बढ़ा रहा है। 

जनहित में मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए हमारे द्वारा पूर्वी दिल्ली नगर निगम के उच्चाधिकारियों समेत दिल्ली एवं केंद्र सरकार को उक्त मामले से अवगत करवाया जा रहा है, जिसमें ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार आर.के द्वारा ठेके के नाम पर किये जा रहे भ्रष्टाचारों और 270 लोगों के भविष्य से खिलवाड़ करने को देखते हुए मामले की गहन जांच कर उस पर कार्यवाही करने की मांग की जायेगी। एवं आरके द्वारा अन्य नामों से विभिन्न जगहों पर ठेके प्राप्त कर उन्हें संचालित करवाने की जानकारियों को एकत्रित किया जा रहा है, जिसे जल्द ही प्रकाश में ला विभाग में हो रहे भारी भ्रष्टाचार का खुलासा किया जायेगा।

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