(अधिशासी अभियंता राजीव आर्य द्वारा खेला गया लाखों का खेल)
ट्रू टाइम्स संवाददाता
गाज़ियाबाद:- हमेशा की तरह विद्युत विभाग "गाज़ियाबाद" डिवीजन चार (04) का एक और लाखों का फर्जीवाड़ा प्रकाश में आया है। जिसे सुनकर आप हैरान और सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि भला कैसे एक साफ और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार की छवि वाली राज्य सरकार के होने के बावजूद कैसे किसी विभाग का एक अधिकारी इतने बड़े फर्जीवाड़े को कैसे अंजाम दे आज दिन तक उसके दुष्प्रभावों से बचा रह पाता है।
प्राप्त सूचना के अनुसार राजेंद्र नगर बिजली घर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पसौंडा मेन वजीराबाद रोड पर दिल्ली दरबार नामन एक नॉन वैजीटेरीयन रेस्टोरेंट्स है जो अजीम कुरेशी निवासी पसोंडा पुलिया मेन रोड पसौंडा साहिबाबाद गाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश का है।
अभी कुछ दिन पहले विद्युत विभाग ने इस होटल को सीधी विद्युत चोरी करते पकड़ा था। जिसकी एफ.आई.आर छापा मारने गए अधिकारियों द्वारा 02 लाख 48 हजार 627 रुपए की भरकर बनाई गई थी।
जब यह पूरा मामला रेस्टोरेंट मालिक अजीम कुरैशी के सामने आया तो वह डिवीजन चार राजेंद्र नगर बिजली घर में अधिशासी अभियंता राजीव आर्य से मिलने पहुंचा और उनसे अपनी साठ-गाँठ बनानी शुरू कर दी। जिसके पश्चात इतनी बड़ी चोरी की रिपोर्ट को मात्र कुछ हजार रुपये में तब्दील कर दिया गया।सेटलमेंट होने के बाद मोहम्मद अजीम कुरेशी का भी कुछ पैसा बच गया जिसमें उसको मात्र उन्नीस हजार रुपए की रसीद फॉर्मेलिटी के तौर पर विभाग को दिखाने के लिए सौंप दी गई।
अब ज़रा सोचें कि किस प्रकार अधिशासी अभियंता राजीव आर्य द्वारा सरकार को लाखों का चूना अपने पद की ताक़त का नाजायज़ ईस्तेमाल करते हुए लगाया गया और किस प्रकार वह विभाग में अपने दबदबे के चलते आज दिन तक इसके दुष्प्रभाव से भी बचे हुए हैं। जो विभाग की छवि को प्रभावित करता है।
चलिए उक्त मामला तो सामने आ गया ज़रा यह सोचें कि ऐसे ही और कितने मामले होते होंगे जो सामने ही नहीं आ पाते। उनका खुलासा तो तभी हो सकता है जब विद्युत विभाग से अलग कि कोई जांच एजेंसी उसकी जांच करे। क्यूंकि यहां तो मुल्जिम भी यही और मुंसिफ भी यही हैं तो भला जनहित में नैसर्गिक न्याय हो या मिल पाना कैसे सम्भव होगा।
यह विभाग एक गरीब का 05 रुपया नहीं छोड़ता लेकिन एक बाहुबली रेस्टोरेंट मालिक का लाखों माफ कर देता है जो बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय है जिसके सम्बन्ध कोई ठोस क़दम विभाग की साफ छवि को बरकरार रखने के लिए उठाना आवश्यक है।
वैसे पूरे मामले की शिकायत जनहित को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन/ऑफलाइन माध्यमों से हर स्तर पर की जा रही है।