अंधेरा है दिल में चले आओ ना ,
दिल की दुनिया को रोशन कर जाओ ना ।
तुम्हारे बिना सब सूना सूना लगता है ;
फिर से इस खाली जगत को भर जाओ ना ।
तुम्हारी याद मुझे हर पल रुलाती है ,
तुमको है कसम अब तड़पाओ ना ।
तुम्हारे बिन जीने की आदत नहीं मुझे ,
अपनी यह आदत मुझसे छुड़ाओ ना ।
हर जगह बस तुम ही तुम दिखते हो ;
अब इतना भी मुझको सताओ ना ।
दिल की दुनिया के इकलौते हकदार हो तुम ;
किसी और के लिए कोई शक लाओ ना ।।
ऋतु मिश्रा/अंबेडकर नगर/उ.प्र
प्रस्तुति:-डाटला एक्सप्रेस समाचार पत्र/9810862251/8800201131