डाटला एक्सप्रेस संवाददाता पंकज तोमर
गाजियाबाद:-स्वर्गीय पत्रकार विक्रम जोशी की पत्नी को अब तक सरकारी नौकरी नहीं मिल सकी है। जिसके लिए स्वर्गीय जोशी के परिजन कई माह से सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में पत्रकारों ने एक बैठक का आयोजन कर इस मामले में व्यापक स्तर पर रणनीति बनाई है। जिसमें तय किया गया है कि अगर सरकार ने अपने किए हुए वादे को पूरा करते हुए पत्रकार स्वर्गीय विक्रम जोशी की पत्नी को सरकारी नौकरी नहीं दी, तब व्यापक स्तर पर इसका विरोध किया जाएगा।
इस संबंध में पत्रकार अनुज चौधरी ने कहा कि विक्रम जोशी की हत्या पत्रकारिता पर सीधा हमला था उस समय जिलाधिकारी ने घोषणा की थी कि पीड़ित परिवार के बच्चों की शिक्षा आर्थिक मदद एवं सरकारी नौकरी दी जाएगी लेकिन अभी तक पत्रकार की पत्नी को सरकारी नौकरी नहीं दी गई है। जिला प्रशासन को अपना किया हुआ वादा निभाना होगा इसके लिए पत्रकार एकजुटता के साथ जिला प्रशासन के समक्ष अपनी बात रखते हुए आज पत्रकारों द्वारा जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया गया है अगर सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन को पूरा नहीं किया गया तो निश्चित रूप से पीड़ित पक्ष के लिए हरसंभव सहायता और प्रयास किए जाएंगे। इस मौके पर मौजूद पत्रकार पंकज सिंह ने कहा कि विक्रम जोशी के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए पत्रकारों को एक होना पड़ेगा और एक बार फिर से अपनी एकता दिखानी होगी ! स्वर्गीय विक्रम जोशी की पत्नी को नौकरी दिलाने के लिए जरूरत पड़ी तो सभी पत्रकार धरने पर भी बैठेंगे ! वही इस मौके पर पत्रकार दीपक भाटी ने कहा कि पत्रकारों के हितों के लिए हम सब हमेशा ही एकजुट रहते हैं। इस मामले में भी कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी। जिला प्रशासन को सरकारी नौकरी का वादा हर हाल में पूरा करना होगा क्योंकि पीड़ित पक्ष की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। ऐसे में हम सब मिलकर समग्र प्रयास करेंगे ताकि पीड़ित पक्ष को सरकारी नौकरी दिलाई जा सके। आज इस संबंध में ज्ञापन दिया गया जिससे उन्हें याद रहे कि जिला प्रशासन ने अब तक सरकारी नौकरी वाला अपना वादा पूरा नहीं किया। जबकि इस मौके पर पत्रकार सैयद अली मेहंदी ने कहा कि स्वर्गीय विक्रम जोशी को सच्ची श्रद्धांजलि तभी दी जा सकती है जब उनके परिवार को आर्थिक सामाजिक और मानसिक रूप से पूरी तरह मजबूत बनाया जाए ! ऐसे में स्वर्गीय जोशी की पत्नी को सरकारी नौकरी हर हाल में मिलनी ही चाहिए जिला प्रशासन अपने वादे से मुकर नहीं सकता हम दिखा देंगे कि हमारी एकजुटता के आगे वादाखिलाफी नहीं चलेगी हम हर हाल में पीड़ित पक्ष को सरकारी नौकरी दिला कर ही रहेंगे