गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन जोन 06 स्थित वैशाली सैक्टर 09 में हो रहा है अवैध निर्माण


प्लॉट संख्या 9/10 वैशाली सैक्टर 09


 


(निर्माणकर्ता खुद को रक्षा मंत्रालय भारत सरकार का बताते हैं एक बड़ा अधिकारी)


 


गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के भीतर हो रहे भ्रष्टाचारों से संबंधित ख़बरें आए दिन प्रकाश में आती रहती है जिनमें अभियंताओं और उनके उच्चधिकारियों के संरक्षण में नियमों के विपरीत हो रहे निर्माण मुख्य हैं।


 


गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के निर्माण प्रतिमानों के अनुसार शायद कोई भी निर्माणकर्ता अपने आशियाने का निर्माण नहीं करना चाहता जिसके परिणाम स्वरूप वह प्राधिकरण से पास करवाये हुए नक्शे के विपरीत निर्माण करने को मजबूर हो जाता है और यही से भ्रष्टाचारी खेल की शुरुआत भी हो जाती है जिसमें नक्शे के विपरीत हो रहे निर्माण को बिना किसी के रोक टोक के होने देने की एवज में सम्बन्धित क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा निर्माणकर्ता से भारी पैसों का लेनदेन किया जाता है। यह कोई सुनी सुनाई बात नहीं है यदि आज कोई स्वतंत्र जांच एजेंसी गाज़ियाबाद में अब तक किए गए सभी निर्माणों का सर्वेक्षण करे तो पता चलेगा कि 99.9 प्रतिशत निर्माण प्राधिकरण के निर्माण नियमों के बिल्कुल विपरीत जाकर किए गए हैं ऐसा इसलिए क्यूंकि जहां माया की छाया गहरी हो जाए वहा काया का कोई भी महत्व या स्थान नहीं रह जाता। 


 


इसी क्रम में प्राप्त सूचना के अनुसार गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन खंड जोन 06 के वैशाली सैक्टर 09 स्थित प्लॉट संख्या 9/10 आईजीएल गैस स्टेशन के पास में नियमों के बिल्कुल विपरीत निर्माण किया जा रहा है। निर्माणकर्ता खुद को रक्षा मंत्रालय का कोई बड़ा अधिकारी बताते हैं जिसकी नेम प्लेट उन्होंने निर्माण वाली जगह के बाहर लगाया हुआ है शायद यही वज़ह है कि प्राधिकरण का कोई भी अधिकारी इस अवैध निर्माण के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही करने से आज तक बचता आया है। यहा सवाल यह उठता है कि यदि कोई केंद्र सरकार या राज्य सरकार के किसी मंत्रालय के बड़े पद पर आसीन है तो क्या उसके ऊपर किसी भी नियम को लागू नहीं किया जाएगा। और दूसरी अहम बात यह है कि यदि निर्माणकर्ता रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के किसी बड़े पद पर आसीन अधिकारी है तो भी क्या उन्हें कानून से खिलवाड़ करने और नियमों का उल्लंघन करने की छूट मिल जाती है और वह भी एक ऐसे मंत्रालय में जो अपने नियमों और अनुशासन के लिए विश्व प्रसिद्ध है और जिससे लोग प्रेरणा लेते हैं। 


 


उक्त निर्माण में निर्माणकर्ता द्वारा बरती जा रही अनियमितताएं कुछ इस प्रकार से हैं।


(1) निर्धारित सीमा से अधिक ऊँचाई और मानचित्र के बिल्कुल विपरीत खुले में हो रहा है अवैध निर्माण।


(2) FAR नियमों का किया गया है उल्लंघन यानि निर्धारित से अधिक क्षेत्र को कवर करके किया गया है निर्माण।


(3) बिना शमन के ही किया गया व जा रहा है अतिरिक्त निर्माण।


(4)निर्धारित से कई गुना अधिक छज्जों की चौड़ाई जो चित्र में साफतौर पर देखी जा सकती है।


(5)-बिना आदेश किया गया व जा रहा हैं अवैध भू-जल दोहन।


(6)-नक्शे के विपरीत किया गया है बेसमेंट का निर्माण।


(7)-बिना आदेश प्रथम तल के आवासीय परिसर में किया गया है कमर्शियल निर्माण।


(8)-नक्शे के अनुसार तीन तल पास होने के बावजूद चौथी मंजिल का किया जा रहा है निर्माण।


 


यह हमारे देश की विडंबना ही है कि एक आम आदमी नियमों और बंधनों का पालन अपनी पूरी ज़िन्दगी भर करता है और इन्हीं नियमों को लागू और उनका पालन करवाने वाले अधिकारी ही किसी नियम का पालन करने से गुरेज करते हैं। शायद वह यह जताना चाहते है कि हम उच्च व एक आम आदमी निम्न कोटि का होता है जिसे सभी नियमों का पालन करना होगा परंतु हम किसी भी नियम या कानून का पालन नहीं करेंगे जो कि इस प्रकरण में साफ-साफ देखने को मिल रहा है। खैर उक्त मामले की शिकायत शाशन, मंडल, जिला प्रशासन और मुख्यतः रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से की जा रही है जिससे उनके संज्ञान में भी यह लाया जा सके कि उनके मंत्रालय का एक अधिकारी अपने पद की ताकत का किस प्रकार से गलत इस्तेमाल करते हुए गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के निर्माण नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।


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