बिजली विभाग ने रिहायशी इलाके में दिया 23 किलो वाट का इंडस्ट्रीरल कनेक्शन 


गाजियाबाद: बिजली विभाग के साहिबाबाद डिवीजन का क्षेत्र भ्रष्टाचार के दलदल में दिन प्रतिदिन डूबता दिखाई दे रहा है। आए दिन विभाग के भीतर रिश्वतखोरी से संबंधित नए-नए मामले प्रकाश में आते रहते हैं। 


 


एक ऐसा ही मामला और सामने आया है जिसमें प्रशासनिक आदेशों का उल्लंघन करते हुए जिसमें किसी भी रिहायशी इलाके में आग लगने जैसे खतरों को कम करने के लिए इंडस्ट्रीयल कनेक्शन दिए जाने की मनाही है के बावजूद गाज़ियाबाद विद्युत विभाग के डीवीजन 04 के अंतर्गत 23 किलो वाट का भारी इंडस्ट्रीयल कनेक्शन दे दिया गया है।डीवीजन चार के एसडीओ किशन कुमार और जेई वर्षों से एक ही बिजली घर पर जमे बैठे निरंजन मौर्या ने 23 किलो वाट का इंडस्ट्रियल कनेक्शन दे डाला।इतने बड़े कनेक्शन देने के लिए कम से कम अधिशासी अभियंता (एक्स.ई.एन) या अधीक्षण अभियंता (एस.ई)कार्यालय से ही इजाजत लेनी होती है या यूं कहें कि इन्हीं अधिकारियों के आदेश से इतने बड़े कनेक्शन को दिया जाता है। परंतु एसडीओ किशन कुमार द्वारा इतना बड़ा इंडस्ट्रीयल कनेक्शन अपने बलबूते पर दे डाला। 


 


संक्षिप्त मामला कुछ इस प्रकार है कि डिवीजन चार राजेंद्र नगर बिजली घर अंतर्गत आने वाले कोयल एनक्लेव बिजलीघर क्षेत्र स्थित राजीव कॉलोनी मेन वजीराबाद रोड आनंद धाम सोसाइटी से दूसरे प्लाट जोकि अरुण नामक व्यक्ति का बताया जा रहा है जिसका खसरा नंबर 455 या 456 है। यह प्लॉट एक रिहायशी इलाके में है जिसके ठीक बगल में आनंद धाम ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी है जिसके सैकड़ों फ्लैट्स में हजारों लोग रहते है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिजली विभाग के एसडीओ किशन कुमार ,जेई निरंजन मौर्या ने सरकार के नियमों को ताक पर रखकर 23 किलो वाट का भारी भरकम इंडस्ट्रियल कनेक्शन रिहायशी इलाके में प्लास्टिक कटिंग की मशीनों के लिए दीया है जिन मीटरो मे से एक का सीरियल नंबर U296044 तो दूसरे का U296044 है। बिजली विभाग ने एक ट्रांसफार्मर भी मुख्यतः इसी कनेक्शन के लिए लगाया है जिससे इस 23 किलो वाट के कनेक्शन को बिजली देने में कोई समस्या ना हो। इस कनेक्शन को देने में इन अधिकारियों ने अपने पद और उसकी ताकत का गलत ईस्तेमाल करते हुए किसी भी इंडस्ट्रीयल कनेक्शन को रिहायशी इलाके में ना दिए जाने के आदेश को बिल्कुल अनदेखा कर दिया है। यह आदेश रिहायशी इलाक़ों में लगे ऐसे उद्योगों के कारण होने वाली आग जैसी घटनाओं को कम करने के लिए पूर्व में कई दिया गया है। अभी कुछ वर्ष पूर्व ही पप्पू कॉलोनी और राजीव कॉलोनी की कुछ प्लास्टिक फैक्ट्रियों में आग लग गई थी जिसमें संकरी गलियां होने के कारण अग्निश्‍मन की गाड़ियों को घटना स्थल पर पहुंच आग बुझाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। ऐसी परिस्थितियां दोबारा पैदा ना हो इसीलिए तत्कालीन एसडीएम प्रीति जायसवाल ने रिहायशी इलाकों में तेजी से लग रहे उद्योगों को बिजली का कनेक्शन ना दिए जाने के आदेश दिए थे। 


 


उक्त सम्पूर्ण मामला अधिकारियों के संज्ञान में ना हो ऐसा नहीं है यह सारा मामला अधिकारियों के संज्ञान में है बावजूद इसके ना जाने वो कौन से कारण होते है कि बड़े से बड़े और छोटे से छोटे मामलों पर अधिकारी चुप्पी साधे बैठे रहते हैं। यह कोई पहला मामला नहीं है पूर्व में ना जाने ऐसे कितने ही मामले प्रकाश में आते रहे हैं लेकिन उनपर कोई कार्यवाही उच्चाधिकारियों द्वारा नहीं की गई जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश सरकार की छवि भी निरंतर धूमिल होती रही और हो रही है जिस पर जल्द से जल्द लगाम लगाना आवश्यक है।


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