डाटला एक्सप्रेस
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गाजियाबाद: बिजली विभाग चाहे आए दिन चेकिंग करके सरकार को मुनाफा पहुंचाने की लाख कोशिश कर रहा हो बावजूद इसके भी कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को आए दिन जिला गाजियाबाद में लाखों यूनिट बिजली चोरी होना पाया गया है, इस बात को खुद बिजली विभाग के बड़े अधिकारी भी मानते हैं, इससे साफ जाहिर होता है कि जब विभाग के ही कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से क्षेत्र में सतर्कता नहीं दिखाई जाएगी तो क्षेत्र में बिजली चोरी होना तो लाजमी ही है और इस तरह सरकार को कहां से मुनाफा मिल पाएगा। आपको बता दें कि ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां पर करीब 6 महीने से 10 से 12 किलो वाट ओवरलोड चल रहा है और यह सब कुख्यात एसडीओ अंशुल राठी और जेई निरंजन मौर्या की मिलीभगत से चल रहा है, क्योंकि इनको यहां से हर महीने मोटी आमदनी जो होती है।
आपको बताते चलें कि डिवीजन 04 राजेंद्र नगर बिजली घर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बिजलीघर कोयल एनक्लेव क्षेत्र की राजीव कॉलोनी में एम०के० रेस्टोरेंट के सामने नर्सरी की बराबर में बनी अवैध पार्किंग में 8 किलो वाट का कमर्शियल कनेक्शन है जिस पर करीब 6 महीने से 18 से 20 किलो वाट का लोड चल रहा है, इस पार्किंग को नवाब नामक व्यक्ति चला रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह पार्किंग बॉर्डर से कुछ ही दूरी पर है इसी कारण आस-पास के इलाके की अधिकतर ई-रिक्शा इसी पार्किंग में चार्ज होने आती हैं, पार्किंग के बाहर ही लगे खंभे से बिजली चोरी होने की आशंका जताई जा रही है क्योंकि यह पार्किंग कई सालों से चल रही है। इस पार्किंग में ना तो कभी एसडीओ या जेई चेकिंग करने के लिए गए और ना ही कभी इसके ओवरलोड पर ध्यान दिया गया, क्योंकि यह इन लोगों के लिए मोटे मुनाफे का सौदा है। वैसे तो यह लोग किसी के यहां पर चोरी न भी हो रही हो तो भी अपना वर्चस्व दिखाने के लिए झूठी एफआईआर तक कराने से नहीं कतराते, क्योंकि उच्च अधिकारियों के सामने इनको अपनी वाह वाही जो लूटनी होती है, और इनकी इसी वाहवाही के चक्कर में गरीब आदमी हमेशा मारा जाता है। अब सोचने वाली बात यह होगी कि इतने समय से इस पार्किंग पर जो ओवरलोड चल रहा है क्या उच्च अधिकारी उस पर कोई संज्ञान ले पाएंगे या ऐसे ही इन भ्रष्ट अधिकारियों के चक्कर में सरकार को हमेशा राजस्व का नुकसान उठाना पड़ता रहेगा व बिजली विभाग और सरकार हमेशा घाटे में जाती रहेगी और सरकार की छवि भी खराब होती रहेगी
वैसे तो यह लोग कम से कम तीन-चार सालों से इसी बिजली घर पर कुंडली मारकर बैठे हैं, ना तो इनका तीन-चार सालों में कहीं पर ट्रांसफर किया गया और ना ही इनको इस बिजलीघर से हटाकर किसी और बिजली घर पर भेजा गया इससे ये साफ जाहिर होता है कि नीचे से लेकर ऊपर तक बैठे सभी अधिकारियों तक इनका मेहनताना हर महीने टाइम से पहुंच जाता होगा जिस कारण इनको यहां से नहीं हटाया जा रहा है, और इस तरह इन्होंने इस क्षेत्र में अपनी अभेद ग़ार बना ली है और संगठित ढंग से अपने उगाही साम्राज्य को अभय होकर चला रहे हैं। अब देखना होगा कि राठी जैसे लोगों को कब तक इनके अभयारण्य से जनहित में खदेड़ा जाता है और साफ़ सुथरी प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित की जाती है।