अवर अभियंता फईम उल्वारी खान
डाटला एक्सप्रेस
गाजियाबाद: जनपद के साहिबाबाद क्षेत्र स्थित डिवीजन चार के अंतर्गत आने वाले बिजली घर राजेंद्र नगर पर पूर्व में तैनात रहे जेई फईम उल्वारी (9958383499) पर आय से अधिक संपत्ति है। जिसमें पता चला है कि इसका एक फ्लैट राजेंद्र नगर में खेतान पब्लिक स्कूल से आगे है, दूसरा फ्लैट वृंदावन ग्रीन सोसाइटी में है, जिसका फ्लैट नंबर-1015 है, जिसकी मौजूदा बाजारी कीमत लगभग 60 से 70 लाख रुपए है, इनका एक फ्लैट नैनीताल में भी है, एक प्लाट इसका साहिबाबाद के शहीद नगर में भी है। राजेन्द्र नगर में इसके पास एक जिम भी है। इसके पास दो गाड़ियां हैं जिनमें से एक मारुति सियाज जिसका नंबर DL-CN-4683 ZDI+ है जिसकी कीमत 12 से 14 लाख रुपए है, वहीं दूसरी गाड़ी स्विफ्ट डिजायर है जिसकी कीमत 7-8 लाख रुपए है जो इसने आयकर विभाग से बचने के लिए उत्तराखंड से खरीदी हुई है जो कि उत्तराखंड नंबर है। ऐसी इसपे कितनी और प्रॉपर्टी हैं उसके बारे में पता किया जा रहा है।
सोचने की बात यह है कि एक जेई के पास इतनी प्रॉपर्टी और गाड़ियां कहां से आईं। 40 से 50 हजार तनख्वाह होने के बावजूद इसके पास करोड़ों रुपए से अधिक की प्रॉपर्टी कैसे है यह जाँच का विषय है। दरअसल गत सपा सरकार में आजम खान का नजदीकी बताकर इसने बिजली चोरी करवा के लाखों करोड़ों बटोरे लेकिन इसका कुछ नहीं हुआ।
राजेंद्र नगर स्थित फ्लैट की फोटो
इसने उगाही का एक पूरा सिंडीकेट खड़ा किया हुआ था जिसकी खबरें हमारे समाचार पत्र में उस समय लगातार छपती रही हैं। अब रिटायरमेंट के बाद ये यूनियन का लीडर बनकर उच्चाधिकारियों पर दबाव बनाकर अपने बिजली चोरी के सिंडिकेट को संरक्षण दे रहा है, जिसमें डिवीजन 04 के अधिशासी अभियंता राजीव आर्य का भी पूरा समर्थन है। ये दोनों मिलकर गाजियाबाद विद्युत विभाग को भारी चूना लगा रहे हैं। जनहित में अगर इस प्रकरण की जांच कराई जाये तो इस फईम उल्वारी की सारी प्रॉपर्टी और इसके पूर्व में किये गये तथा वर्तमान में यूनियन लीडर का चोला ओढ़कर किये जा रहे भ्रष्टाचार और उगाही का खुलासा हो सकता है। अपने आप को आजम खान तथा समाजवादी पार्टी का करीबी बताकर आज तक बचते आये, तथा आपराधिक षड्यंत्र रचकर सरकार के करोड़ों रूपये के राजस्व (रेवन्यू) को चट कर जानेवाले एक पूर्व भ्रष्ट अधिकारी का का पर्दाफाश हो सकता है। फिलहाल इसकी पूरी शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पोर्टल पर की जा चुकी है।
अवर अभियंता द्वारा खरीदी गयी गाड़ी की आर.सी