राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रान्त द्वारा एक भव्य सम्मान समारोह व काव्य जागरण वैष्णो देवी धाम सपनावत में बड़े ही धूम धाम से मनाया गया:



डाटला एक्सप्रेस


गाज़ियाबाद: 20/01/2019 की सुबह 11 बजे कार्यक्रम की शुरुआत माँ शारदे की वंदना से की गई। वंदना की शुरुआत कवयित्री बीना गोयल ने की, मंचस्थ अथितियों में राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल जी, वरिष्ठ ओज कवि वागीश दिनकर, राष्ट्रीय कवयित्री अनामिका जैन अम्बर, वरिष्ठ भाजपा नेता अशोक गोयल, कार्यक्रम संयोजक व जिला संयोजक अशोक गोयल, महिला जिला संयोजिका बीना गोयल, समाज सेवी विजेंद्र जी लोहे वाले, संजीव गुप्ता जी,रामआसरे गोयल रहे l


कार्यक्रम की धुआँधार शुरुआत पिलखुवा के जाने माने कवि अशोक गोयल ने अपने मधुर कंठ से करके सभी को मोह लिया। उन्होंने अपने काव्य पाठ में रचना को कुछ इस प्रकार पेश किया----


कलमधारी सिपाही हम वतन की आस लाये हैं,
कलम से आपका मंदिर सजाने मात आये हैं,
खुला है द्वार माँ तेरा हमें अपनी शरण लेलो,
चढ़ाने प्रेम की माला सभी को साथ लाये है l


कवि दिनेश त्यागी ने अपनी रचना इस प्रकार पढ़ी --


सूली पर वे चढ़ गए करके काम तमाम, नायक हो तुम देश के करता देश प्रणाम।


नोएडा से पधारे कवि विजय राजवंश ने अपनी रचना को इस प्रकार पढ़ना....


ना मैं तुलसी ना कबीरा ना कोई रसखान हूँ,
मैं हृदय की प्रेम पीड़ा का एक मुक्तक गान हूँ।


कवि रामाआसरे गोयल ने अपनी रचना इस प्रकार पेश की....


हिमगरी की पुत्री बड़ी गंगा श्रेष्ठ महान,


कवि अवनीत सिंह समर्थ ने पढ़ा.....


हर कलम लिखने लगेगी जब नयन के प्यार में
डॉ. नरेश सागर ने अपनी रचना ऐसे पेश की.....
ना जन्नत की ख़्वाहिश है ना तमन्ना ज़माने की,
मुझे कोई सीखा दे अदा माँ को मनाने की।


कवि इसहाक अली सुन्दर ने अपनी रचना को जो देश भक्ति से ओत-प्रोत थी पढ़ा, राष्ट्रीय कवि डॉक्टर वागीश दिनकर जी ने देश भक्ति से ओत-प्रोत रचना प्रस्तुत की जिससे सम्पूर्ण हाल तालियों से गुंजायमान हो गया,प्रख्यात कवयित्री अनामिका जैन अम्बर ने जब अपना काव्य पाठ किया तो सम्पूर्ण वातावरण काव्य की सुगंध से सुगन्धित हो गया। बरेली से पधारे कवि चैतन्य चेतन ने अपनी कविता पढ़ी।


राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल जी ने अपने उद्बोधन में कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रसंसा व्यक्त करते कहा कि पिलखुवा राष्ट्रीय कवि संगम अपनी काव्य गोष्ठियों की निरंतरता बनाये हुए है मैं सभी को साधुवाद देता हूँ। वरिष्ठ कवि डॉक्टर देवेंद देव जी को भी पिलखुवा संगम परिवार की तरफ से सम्मानित किया गया। काव्य महाकुम्भ में लगभग 75 रचनाकारों की उपस्थिति थी। सभी रचनाकारों को इस महाकुम्भ में डुबकी लगाने का अवसर मिला।


कार्यक्रम का सुंदर संचालन हास्य के जाने माने कवि प्रतीक गुप्ता व कवि अशोक गोयल ने संयुक्त रूप से की कार्यक्रम में बिहार, झारखंड, बरेली, दिल्ली, गाजियाबाद, मोदीनगर, पिलखुवा, हापुड़, सिम्भावली, मवाना, सपनावत, मेरठ, बुलंदशहर, मुज़फ्फरनगर के अतिरिक्त अनेकों स्थानों से कवि और कवयित्री उपस्थित हुए।


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