भारत का गौरव है हिन्दी
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भारत की संस्कृति हिन्दी हम सब की परिभाषा है ।
सहज, सरस् और बहुत सरल जो वो तो हिन्दी भाषा है ।।
है ये मुखिया सैंकड़ों भाषाओं के परिवार की ।
आज तो सबसे बड़ी ये भाषा है सन्सार की ।।
रसखान, सूर ,तुलसी , कबीर की वाणी का सिंगार है ।
दिनकर, भूषण और सुभद्रा के मन की ललकार है ।।
रहीम, बिहारी और मीरा की रचना का सम्मान है ।
प्रेम, मैथिली , भारतेंदु की भाषा का मान है ।।
हिन्दी दिनकर की है पूजा निराला की आराधना ।
हिन्दी जयशंकर की करुणा महादेवी की साधना ।।
निश्छल , निर्मल , पावन बहता इसका शब्द कोष है।
भाषा, शिक्षा ,संस्कृति साहित्य का उदघोष है ।।
नही कोई संदेह अब नही है कोई शंका ।
अखिल विश्व मे बज रहा अब हिन्दी का ही डंका ।।
गूगल, याहू , आई वीएम, ट्विटर , ओरेकल ।
हिन्दी के प्रयोग को देते हैं बढ़ावा आजकल ।।
खेल हो , विज्ञान हो और हो चाहे कारोबार ।
ई -मेल , ई - कॉमर्स पर भी हो रहा विस्तार ।।
आज हिन्दी प्रौद्योगिकी के रथ पर सवार है ।
विदेशों में भी हिन्दी से बढ़ रहा प्यार है ।।
भारत की ताकत है हिन्दी भारत का अभिमान है ।
भारत का गौरव है हिन्दी भारत का सम्मान है ।।
ज्यूँ माथे पर सजे तिलक ज्यूं माथे सजती बिन्दी है ।
श्रृंगार सलोना भारत माँ का सब की प्यारी हिन्दी है ।।
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डॉक्टर सतीश वर्धन
बाबा होमियोपैथिक सेंटर
पिलखुवा, हापुड़, उत्तर प्रदेश
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DATLA EXPRESS/22.01.2019