अनु नेवटिया--कोलकाता, हावड़ा, पश्चिम बंगाल की एक मार्मिक रचना "आह से वाहहहहहह"


आह से वाह  ...... ? 
----------------------------
हम पर लिखकर कौन सा
एहसान करते हो?
आह को वाह कहकर गुमान करते हो ?
बेबसी लिखना चाहते हो हमारी?
कविता लगती है तुमको लाचारी ?
महसूस करके देखो ये दर्द.....
कभी बनो हमारे हमदर्द.......
चित्रकार, कवि, लेखक
और कभी निर्देशक
सबके लिए हम एक विषय समान है
और नेताजी के तो भाषणों की जान हैं
निराश ना हो
तुम्हारे काम के भी आड़े न आएंगे
अपनी गरीबी का सारा हाल सुनाएंगे
देखो इन सूखे बर्तनों को
शायद इनकी खनक
तुम्हे कोई गीत दे जाए
ये पत्थर की दीवारें लिखो
ऐसा आशियाना शायद ही ज़िक्र में आये
इन मासूम चेहरों को देखो
ये देश का भविष्य गढ़ते हैं
लिखना तुम अपनी रचना में
कुछ फूल फूटपाथ पर सड़ते हैं
एक माँ की मज़बूरी देखो
देने को बस झूठी आशाएं हैं
लिख देना सजाकर इसे भी
इसमें बहुत संवेदनाएं हैं
जो हताश सा बैठा कुछ सोच रहा है
शायद अपनी किस्मत को कोस रहा है
बस उसे ना लिखना लाचार और मजबूर
घर का मुखिया है वो हमारा
और तुम्हारे देश का मजदूर......


__________________________
(प्रस्तुति: डाटला एक्सप्रेस (साप्ताहिक)/गाज़ियाबाद, उ०प्र०/30 जनवरी से 05 फरवरी 2019/बुधवार/संपादक: राजेश्वर राय 'दयानिधि'/email: rajeshwar.azm@gmail.com/datlaexpress@gmail.com/दूरभाष: 8800201131/व्हाट्सप: 9540276160



_____________________________
--अनु नेवटिया--
कोलकाता, हावड़ा,पश्चिम बंगाल  


Comments
Popular posts
वरिष्ठ कवियित्री ममता शर्मा "अंचल" द्वारा रचित एक खूबसूरत रचना "जो न समझते पाक मुहब्बत" आपको सादर प्रेषित
Image
कोयल एनक्लेव बिजली घर पर तैनात सरकारी लाइनमैन मुकेश कुमार यहां से स्थानांतरण हो चुका भ्रष्टाचारी लाइनमैन राजीव कुमार की बात बड़े गौर से सुन रहे है
Image
साहित्य के हिमालय से प्रवाहित दुग्ध धवल नदी-सी हैं, डॉ प्रभा पंत।
Image
नगर निगम ने भोपुरा सफेद गेट के पास से हटाया हटवाया अतिक्रमण
Image
अधिशासी अभियंता राजीव आर्य की तिकड़म बाजियां ऐसी जिसे देख शकुनी भी हो जाए नतमस्तक, इन्हीं तिकड़म बाजियों का सहारा ले एक बार फिर अपने चहेते लाइनमैन राजीव को बचाने की कर रहे कोशिश।
Image