कविता:-आज कुछ लिखने का मन है

डाटला एक्सप्रेस की प्रस्तुति 


आज कुछ लिखने का मन है

प्रीत का जागा बचपन है

मिलन दिल को छूने आ रहा

विरह कर रहा पलायन है

लगा है बिना कहे ही आज

महकने फिर से गुलशन है

ग़ज़ल लगता है हर इक लफ्ज़

भा रहा यह पागलपन है

याद जैसे ही आई याद

खिला मुरझाया जीवन है

आज अंचल खुद से कर बात

सोच पर छाया यौवन है।।।।



ममता शर्मा'अंचल', अलवर (राजस्थान)

Comments
Popular posts
ठेकेदार प्रतीक का भ्रष्टाचारी खेल, पुरानी ईंटों का पुनः ईस्तेमाल कर बना डाली गली।
Image
विराटनगर नेपाल में आयोजित नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव मे अलवर निवासी ममता शर्मा 'अंचल' को किया गया सम्मानित।
Image
आरटीआई आवेदक को लट्टू की तरह नचा रहे जीडीए प्रवर्तन जोन दो के अधिकारी, आठ माह पूर्व प्रेषित की गई आरटीआई से संबंधित प्रपत्रों को आवेदक के कई प्रयासों के बावजूद देने के लिये नही हैं तैयार।
Image
अवैध निर्माणों को संरक्षण देना हो या आरटीआई नियमों की धज्जियां उड़ाना, जीडीए प्रवर्तन जोन 02 के अधिकारी दोनों चीजों मे हैं माहिर।
Image
श्री संकटमोचन बालाजी मंदिर समिति द्वारा किया गया अठ्ठारवा विशाल माँ भगवती जागरण का आयोजन
Image