साक्षात्कार के दौरान श्री भूपेंद्र राय से पूछे गये कुछ अहम सवालों और उनके द्वारा दिये गये जवाबों के कुछ अंश
डाटला एक्सप्रेस संवाददाता
प्र0:-आपने सामाजिक कार्य को कैरियर के रूप में क्यूं चुना
उ0:-समाज सेवा को मैं करियर के रूप मे नही देखता, एक जागरूक नागरिक एवं बचपन से मेरे माता-पिता से मिले संस्कारों ने हमेशा ही मुझे समाज सेवा करने की समय-समय पर प्रेरणा दी है, गरीबों, वंचितों, बुजुर्गों और जरूरतमंदों की सेवा करने से मुझे एक आत्मीय संतुष्टि प्राप्त होती है जिसे मै संस्था के माध्यम से अन्य लोगों तक भी पहुचाना चाहता हूं।
प्र0:-एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में आगे की क्या आशाएं हैं?
उ0:- ऐसा नहीं है कि आज काशी भूमि सेवा संस्था संस्था की शुरुआत से मैंने सामाजिक कार्यों के बारे में विचार करना शुरू किया है, शुरुआत से ही मैंने समाज सेवा एवं समाज के भविष्य के लिए बहुत कुछ सोचता आया हूं, मैं जिस क्षेत्र से आता हूं वहां के लोग अभी बहुत पिछड़े हुए हैं, बच्चे अन स्किल्ड हैं, आज भी लोग लड़कियों को उच्च शिक्षा देने की बजाय बे समय उनकी शादी करने में विश्वास रखते हैं। अभी मेरा संगठन इतना बड़ा तो नहीं है किंतु अगर लोगों का सहयोग रहा तो इन सभी चीजों मे मैं अपनी क्षमता से बढ़कर सुधार करने का प्रयास करूंगा।
प्र0:-संस्था की शुरुआत करने का विचार आपके मन में कैसे आया और अब तक आपने समाज सेवा में इस संस्था की मदद से क्या-क्या सफलता है प्राप्त की हैं?
उ0:-यह कोई मेरा अकेले का विचार नही था, मेरे अतिरिक्त संस्था मे जुड़े अन्य लोगों के साथ मेरी बहुत पहले से ही अपने गांव और समाज का उद्धार कैसे हो इस पर चर्चा होती आई है, इन्हीं सब चर्चाओं के दौरान इस संस्था को बनाने का विचार मन मे आया जिससे अन्य वह सभी लोग जो अछूते हैं उन्हें भी साथ जोड़ कर विकास और उन्नति की दिशा मे मिलकर आगे बढ़ा जाए
प्र0:-किन क्षेत्रों में आपके संगठन की सक्रियता ज़्यादा रहती है?
उ0:-अभी हमने छोटे-छोटे कार्यो से शुरुआत की है जैसे कन्या शिक्षा को बढ़ावा देना, गरीबों और पिछड़ों को कानूनी एवं आर्थिक सहायता देना आदि। हमारे सदस्यों की कोशिशें यही रहती हैं कि हम पीड़ितों की हर संभव मदद कर पाएं। महिला सुरक्षा व बालिका शिक्षा पर हमारा ज्यादा फोकस रहता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बालिकाएं अभी स्कूलों से दूर हैं, और उन्हें स्कूल जाने के लिए कोई कहता भी नहीं है, ऐसी बच्चियों को हम स्कूल जाने के लिए प्रेरित करते हैं। हमारा मिशन दूर-दराज इलाकों, आदिवासी, घुमंतू व जनजातियों में ज्यादा सक्रिय है।
प्र0:-समाज मे सुधार लाने के लिए सरकारों को क्या करना चाहिए?
उ0:-सबसे पहले भेदभाव और जाति-धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्रहित और समाज हित की बेहतरी के लिए एक समान काम करने की दरकार है। चाहे केंद्र हो या राज्यों की सरकारें सभी को मजबूती से और निष्पक्षता के साथ कानून का राज कायम करना चाहिए जिससे कि किसी भी व्यक्ति के साथ अन्याय, शोषण, जुल्म और अत्याचार ना हो सके। समूचे हिंदुस्तान में शिक्षा, दवा, महिला सुरक्षा और रोजगार की एक समान समुचित व्यवस्था करनी होगी। गरीब-मजदूर, शोषित व्यक्तियों की शिक्षा पहली क्लास से ही फ्री करनी चाहिए, ऐसे बुनियादी मुद्दों को कुरेदने की जरूरत है।
प्र0:-समाज में व्याप्त बुराईंयों को मिटाने का बीड़ा मन में कैसे आया?
उ0:-लीक से हटकर काम करने की सभी को जरूरत है। शासन-प्रशासन के बूते सभी जिम्मेदारियां नहीं छोड़नी चाहिए? कहते हैं ना कि ‘अपने लिए जिए तो क्या जिए’। औरों के लिए जो जीता है, वही मानव धर्म का थोड़ा बहुत भार उतार पाता है। हमारे आसपास समस्याओं की कमी नहीं है। समाज के प्रत्येक क्षेत्रों में असहाय, निर्धन, निर्बल व कमजोरों पर लगातार जुल्म-अत्याचार होते हैं। ग्रामीण अंचलों में तो इंतेहा हो रही है। उन्हें देखकर आंखें फेर लेना भी किसी पाप से कम नहीं। ऐसी घटनाओं को देखकर मन दुखी होता है।
काशी भूमि सेवा संस्था के कार्यकारी निदेशक श्री भूपेंद्र राय