डाटला एक्सप्रेस संवाददाता
गाजियाबाद स्थित मधुबन-बापूधाम योजना से प्रभावित किसानों ने एकसमान मुआवजे के लिए सोमवार को जीडीए कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। किसान करीब साढ़े चार घंटे जीडीए कार्यालय के बाहर टेंट लगाकर धरने पर बैठे रहे। इस दौरान प्राधिकरण के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
किसानों की मांग थी कि मधुबन-बापूधाम योजना से प्रभावित सभी गांवों के किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जिस दर से कुछ किसानों को मुआवजा दिया गया है, उसी दर पर सभी प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए। किसानों के धरने के कारण हापुड़ चुंगी से ठाकुरद्वारा फ्लाईओवर की तरफ जाने वाली सड़क पर जाम लग गया। पुलिस ने पुराने बस अड्डे से वाहनों को डायवर्ट किया। किसान 11 बजे से तीन बजे तक धरने पर बैठ रहे। इस दौरान जीडीए अधिकारी-कर्मचारी भी अंदर से बाहर या बाहर से अंदर नहीं आ-जा सके। एहतियात के तौर पर काफी संख्या में पुलिस मौके पर बुला ली गई थी
जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश सिर्फ चुनिंदा किसानों को लेकर था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए उक्त किसानों को नए अधिग्रहण कानून के हिसाब से मुआवजा दिया गया। बातचीत के दौरान किसानों ने जीडीए उपाध्यक्ष के साथ बैठक कराने की मांग की। इस पर जीडीए उपाध्यक्ष से समय लेकर सोमवार को बैठक कराने का निर्णय लिया गया। वहीं किसानों की एक मांग बैठक न होने तक मधुबन-बापूधाम में जीडीए द्वारा कराए जा रहे कार्यों को रोकने की थी। सोमवार तक काम को रुकवा दिया गया। इसी के बाद किसान तीन बजे वापस लौटे। धरने में महिलाएं भी हुईं शामिल थी। जीडीए कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करने किसान कई ट्रैक्टर-ट्राली में सवार होकर पहुंचे थे। धरने में काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। महिलाओं ने जीडीए कार्यालय के बाहर बकायदा प्रदर्शनकारियों के लिए चाय बनाई। प्रदर्शन में सदरपुर, मैनापुर, नंगलापाट, याकूबपुर, मोरटा और दुहाई के सैकड़ों किसान शामिल हुए।