जीडीए प्रवर्तन जोन 05 स्थित, जयपुरीया सनराइस ग्रीन्स में अवैध निर्माण अपने चरम पर


.......पूरे प्रोजेक्ट में धड़ल्ले से हो रहे हैं, सैकड़ों अवैध निर्माण 

.जीडीए उच्चाधिकारियों को पूर्ण जानकारी होने के बावजूद नहीं की जा रही कोई उचित कार्यवाही

डाटला एक्सप्रेस संवाददाता

गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन जोन 05 (पांच) अंतर्गत आने वाले जयपुरीया सनराइस ग्रीन्स में जोन अभियंताओं की उदासीनता और भ्रष्‍ट रवैये के चलते बहुत बड़े पैमाने पर सैकड़ों छोटे-बड़े अवैध निर्माण आज फल-फूल रहे हैं।

आपको बताते चलें कि शौर्यापुरम, एन-एच 24, लाल कुआं, गाज़ियाबाद में जयपुरीया सनराइस ग्रीन्स नामक एक प्रोजेक्ट के अंतर्गत पचास स्क्वायर यार्ड और उससे अधिक के प्लॉट्स पर प्लाॅटिंग कर कॉलोनी बसाई जा रही है। उक्त प्रोजेक्ट में अब तक कई प्लॉट्स पर उनके मालिकों द्वारा जीडीए निर्माण नियमावली के विरुद्ध निर्माण किया जा चुका है और अन्य सैकड़ों प्लॉट्स पर अवैध निर्माण कार्य चालू है। यहां सबसे चिंतनीय विषय यह है कि निर्माणकर्ताओं द्वारा प्रवर्तन जोन 05 के अभियंताओं से अपनी साठ-गांठ बना जीडीए निर्माण नियमावली के बिल्कुल विपरीत निर्माण किया गया व आज भी किया जा रहा है जिसकी पूर्ण जानकारी जीडीए उच्चाधिकारियों को भी है, बावजूद इसके आज भी उक्त प्रोजेक्ट के भीतर सैकड़ों अवैध निर्माणों को पूरा किया जा चुका है व अन्य कई अब भी चालू हैं। जिसे कोई भी आमोखास मौका मुआयना कर आसानी से देख सकता है कि किस प्रकार अपने अंदरुनी भ्रष्टाचार के लिये मशहूर जीडीए के प्रवर्तन जोन 05 के अभियंताओं द्वारा बिल्कुल बे-खौफ हो उक्त प्रोजेक्ट के भीतर अनगिनत अवैध निर्माणों को संरक्षण दिया गया व आज भी दिया जा रहा है जिन्हें प्लॉट संख्या के माध्यम से भी सक्षम अधिकारियों के समक्ष लाया जायेगा।इस प्रकरण में अब तक राज्य सरकार को भारी राजस्व की हानि उठानी पड़ी है और यदि आज इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में भी कुछ भ्रष्ट अभियन्ताओं के कारण उठानी पड़ सकती है।








यहां यह बताना भी आवश्यक है कि जीडीए प्रवर्तन जोन 05 में आज जहां भी नज़र जाये बहुत बड़ी मात्रा में अवैध निर्माण ,अवैध प्लॉटींग कर अनाधिकृत कॉलोनीयों को बसाने (जिसमें हिंडन डूब क्षेत्र में भी प्लाॅटिंग कर कॉलोनीयां बसाई गई हैं), अनगिनत अवैध बैंक्वेट व फार्म हॉउसेस्, होटल्स, हॉस्पिटल्स, स्कूल्स आदि का निर्माण करवा उन्हें संचालित करवाने जैसी कई प्रकार की निर्माण संबंधी अनियमितताएं निर्माणकर्ताओं द्वारा जोन अभियंताओं के संरक्षण में बरती गई व आज भी बरती जा रही हैं, जिन्हें समय-समय पर प्रकाश में लाया जायेगा। 

इस भारी भ्रष्टाचार और जोन अभियन्ताओं द्वारा निर्माणकर्ताओं से अपनी सांठ-गांठ बिठा सैकड़ों अवैध निर्माणों को फलने-फूलने देने के इस प्रकरण की जनहित में जीडीए के अतिरिक्त किसी अन्य स्वतंत्र जांच एजेंसी द्वारा जांच अति आवश्यक है, क्यूंकि आज जीडीए जनहित की शिकायतों पर जांच के मामले में बहुत अधिक बदनाम हो चुका है जिसे कुछ यूं समझें, मान लीजिये कि उक्त प्रोजेक्ट से संबंधित कोई शिकायत जीडीए में की जाती है। तो उस शिकायत पर प्रोजेक्ट को माॅनिटर कर रहे अभियंता को ही उसकी जांच सौंप दी जायेगी, यानी वह अभियंता अपनी ही जांच करेगा कि वह भ्रष्‍ट है या नहीं, उसने सभी अवैध निर्माणों को अपना संरक्षण प्रदान किया या नहीं, जो कि बहुत ही हास्यास्पद है।जहां मुजरिम और मुंसिफ एक ही हो वहां जनहित में भला नैसर्गिक न्याय कहा हो पायेगा। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए हर सम्भव स्तर पर समाचार पत्र के माध्यम से शिकायतें भेजी जा रही हैं।ताकि दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त से सख्त विभागीय/कानूनी कार्यवाही हो सके।


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