डाटला एक्सप्रेस संवाददाता
गाज़ियाबाद:कोरोना लाॅकडाउन के दौरान देश भर मे तमाम छोटी बड़ी सभी उद्योग इकाइयां बंद हो गई जिसका सबसे ज्यादा असर हमे पर्यावरण मे देखने को मिला, हवा साफ हुई और लोगों को आखिकार चाहे परिस्थिति कैसी भी हो साफ हवा मे साँस लेने का मौका मिला। सरकार द्वारा लाॅकडाउन 0.5 में लगभग सभी उद्योग इकाइयों को खोले जाने के आदेश जारी कर दिए गए है। लेकिन इस आदेश के बाद वह अवैध रूप से संचालित उद्योग भी जगह-जगह खोल दिए गए जो लंबे समय से प्रशासन के आदेश के बिना ही संचालित हैं या यूं कहें कि उनकी छत्रछाया में संचालित है।
इसी क्रम में प्राप्त सूचना के आधार पर जनपद गाज़ियाबाद के साहिबाबाद स्थित गगन विहार डी ब्लॉक कुए के पास रिहाइशी इलाके के बीचोंबीच अवैध रूप से बिना आदेश प्राप्त किए कई फैक्ट्रियां संचालित हैं जो हर दिन भारी मात्रा में प्रदूषण को वातावरण में छोड़ती हैं।जिसके कारण आसपास रहने वालों का जीवन पूरी तरह से दूभर हो चुका है। क्षेत्रीय लोगों द्वारा कई बार इन इकाइयों की शिकायत प्रदूषण विभाग से की गई लेकिन किसी के भी कान पर जूँ तक नहीं रेंगी। जिसके परिणामस्वरूप आज दिन तक यह अवैध फैक्ट्रियां रिहाइशी इलाके में संचालित है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि प्रदूषण विभाग के जेई अपनी कलम और मुँह बंद रखने के लिए हर महीने एक बंधी हुई रकम इन फैक्ट्री मालिकों से ले जाते हैं। यह बात हर तरीके से सत्य भी साबित होती है जब कई बार इन इकाइयों की शिकायत की गई फिर भी कोई इन पर कार्यवाही क्यूँ नहीं करता आखिर क्यूँ सब अधिकारियों ने अपने-अपने कानों मे रूई ठूंस रखी है यह एक सोचनीय विषय हैं।
क्षेत्रीय लोगों के आग्रह पर अब हमारे समाचार पत्र द्वारा इन सभी इकाइयों की शिकायत जिलाधिकारी गाज़ियाबाद और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश से किए जाने पर विचार किया जा रहा है।