ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी एमएसएस ब्लिस होम्स (MSS BLISS Homes) में अवैध निर्माण व एनजीटी नियमों का उल्लंघन


(मामला: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, प्रवर्तन जोन 03 स्थित गोविंदपुरम् का) 


डाटला एक्सप्रेस 


गाज़ियाबाद: गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन खंड 03 स्थित गोविंदपुरम् में अभियंताओं की छत्रछाया में खुलेआम ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी MSS BLISS HOMES में बिना रुके सालों से अवैध निर्माण किया जा रहा है जिसमें एनजीटी के उपदेशों एवं आदेशों की धज्जियां भारी पैमाने पर लगातार उड़ाई जा रही हैं। तमाम शिकायतों के बावजूद भी आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अब यह सोसाइटी अवैध निर्माण के साथ अपने आखिरी चरण में चल रही है और जल्द ही पूरी कर ली जाएगी। इस सोसाइटी के फ्लैट्स बिना संपूर्णता प्रमाणपत्र के ही ग्राहकों को बेचे जा रहे हैं। शायद ही किसी को पता चले कि इस पूरे निर्माण में शमन नियमों के उल्लंघन से सरकार को ना जाने कितने ही करोड़ो के राजस्‍व का नुकसान केवल जोन के कुछ भ्रष्‍ट अभियंताओं की वज़ह से उठाना पड़ा है क्योंकि इन्होंने ले-देकर सीमा से कम शमन किया है। इसके निर्माण के दौरान ना जाने कितने ही एनजीटी के दिशानिर्देशों की धज्जियां लगातार उड़ाई गईं व जा रही हैं। इस सबंध में कुछ मुख्य बिंदु अति विचारणीय हैं। 


अवैध निर्माण के मुख्य बिंदु:
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1- निर्धारित सीमा से अधिक छज्जों की चौड़ाई एवं सीमा से अधिक ऊँचाई ली गयी है जिसे मौके पर नापकर साफतौर पर देखा जा सकता है।


2- संस्तुत संख्या से अधिक फ्लैट्स  (यूनिट्स) एवं फ्लोर्स(तल) का निर्माण तथा FAR एवं सैटबैक प्रतिमानों का उल्लंघन किया गया है ।


3- पार्किंग के स्थान पर कामर्शियल शॉप्स और फ्लैट्स का निर्माण तथा बिना शमन के ही अतिरिक्त निर्माण।


4- बिना कंप्लीशन सर्टिफिकेट के ही रजिस्ट्रेशन (बैनामा) चालू है एवं बिना पास हुए कॉनवेनियंट शॉप्स का निर्माण किया जा रहा है।


5- विश्वस्त सूत्रों से खबर है कि सोसाइटी के लिए ज़मीन प्राप्त करने में कुछ फ़र्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया है, जो गहन जांच और उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार का आपराधिक मामला है। 


एनजीटी प्रतिमानों के उल्लंघन के मुख्य बिंदु:
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(1) भू-जल दोहन-- सोसाइटी के निर्माण के लिए जिलाधिकारी गाजियाबाद के आदेश के बिना निकाला गया और जा रहा है प्रतिदिन हजारों लीटर भू-जल। 


(2) राष्ट्रीय हरित अधिकरण(एनजीटी) के आदेशों की खिल्ली उड़ाते हुए हो रहा है बिना ढके खुले में निर्माण। 


(3) नियमों के मुताबिक नहीं बनाया गया है वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम। 


(4) नहीं लगाए गये हैं निर्धारित संख्या में पेड़। 


(5)-हरित पट्टी पर कब्ज़ा कर बना लिया गया है पोडियम।


अब सवाल ये उठता है कि आखिर उपर्युक्त अनियमितताओं पर जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा क्या कोई संज्ञान लेती हैं या इसे ऐसे ही ठंडे बस्ते में डाल देंगी।


 


डाटला एक्सप्रेस
संपादक:राजेश्वर राय "दयानिधि"
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