कल रात इंडिया ने हमें घर में घुस के मारा:


पंडित सुरेश नीरव
प्रस्तुति: डाटला एक्सप्रेस
26.02.2019/मंगलवार
datlaexpress@gmail.com


आखिरकार हुआ वही जो होना था। यानी कि छप्पन इंची सीने ने वही कर दिखाया जो पाकिस्तान ने कभी सोचा भी ना होगा। वैसे सोचा तो भारत में भी बहुत से लोगों नहीं होगा। पर अब तो वो हो ही गया जो होना था। दिलचस्प बात यह है कि जो लोग सबूत मांगने के अखंड अभ्यासी हुआ करते थे वे भी बेचारे अब भावुक हो-होकर वायुसेना को बधाई दे रहे हैं और लहरा-लहराकर भारतीय सेना को सलाम ठोंक रहे हैं।



ठीक बारह दिन बाद, बारह विमानों ने पाकिस्तानी सीमा में जाकर मंगल 'वार' किया और पाकिस्तान का अमंगल करते हुए उसके बारह बजा दिये। हमारे यहां बारह दिनों के बाद ही तेरहवीं होती है। और तेरहवीं करनेवाले को स्नान भी करना पड़ता है। हमारे छप्पन इंची सीने वाले सूरमा ने पहले कुंभ स्नान किया। फिर दलितों के पैर धोए। और फिर बाकायदा नहाने-धोने के बाद इंडिया गेट पर शहीद स्मारक में जाकर शहीदों को सर झुकाया और फिर आतंकियों की धूमधड़ाके के साथ उनके मूल घर में जाकर तेरहवीं कर दी। और बालाकोट, चकोटी तथा मुजफ्फराबाद में आतंकियों को सुबह का स्वादिष्ट बारूदी नाश्ता करा दिया। और इस तरह पाक सेनाध्यक्ष बाजवा के बारह बजाने का धार्मिक कर्मकांड कुशलतापूर्वक निपटाकर हमारे बारह विमान भारत माता की जय करते हुए सकुशल वापस लौट आए हैं।


सचमुच पुलवामा की नृशंस और नापाक हरकत पापी पाक को भीषण भारी पड़ी है। कहावत भी है कि- "जबर मारै और रोने न दे" भारतीय सेना ने भी यही सुलूक पाकिस्तान के साथ किया है। अब किस मुंह से बेचारा पाकिस्तान यह कहे कि घर में घुसकर उसकी पिटाई कर दी गई है। रिरियाते हुए कह रहा है कि हां भारतीय विमानों ने हमारी सीमाओं में घुसपैठ की कोशिश जरूर की है। जिसे जवाबी कार्रवाई में हमारे विमानों ने खदेड़ दिया है। घबराकर वे कुछ बम गिराकर भाग गये हैं। इसमें भी उसकी लज्जाजनक असमंजस यह है कि वह बालाकोट भी बताए तो कौन-सा वाला। वो कभी मुजफ्फराबादवाला बालाकोट बता रहा है तो कभी पूंछवाला बालाकोट बता रहा है।


और मजा यह है कि एक महा झूठे देश की पिटाई का हसीं तमाशा सारी दुनिया साफ-साफ देख रही है। दूसरी तरफ पिटे-पिटाए पानी-पानी हुए पाकिस्तान की अगली चिंता यह भी है कि आतंकवाद की फसल को खाद-पानी देनेवाले जिस पाकिस्तान का पानी सर से ऊपर जा चुका था उस पाकिस्तान को कल कहीं भारत सचमुच ही पानी देना बंद न कर दे। अभी तो भारत के एक झटके के कारण उसे एक सौ अस्सी रुपए किलो की रेट पर टमाटर खरीदने पड़ रहे हैं कल कहीं हजार रुपये का एक लीटर पानी खरीदने की नौबत आ गई तो क्या होगा...?


घर में नहीं हैं दाने
और अम्मा चलीं भुनाने


भीख का कटोरा ही जिस देश की शान हो और जो आतंकियों पर मेहरबान हो,और फिर ऐसे देश को जिसे अपनी जान के तो लाले पड़े हुए हैं और वो चले मूंछ शेर की मरोड़ने। अब फट गया पायजामा और करो पुलवामा। इमरान और बाजवा अब कोरस में रो-रोकर गा रहे हैं -


कल रात इंडिया ने हमें घर में घुस के मारा
अब रो रहा फफक के संग चांद के सितारा


Comments
Popular posts
मुख्य अभियंता मुकेश मित्तल एक्शन मे, भ्रष्‍ट लाइन मैन उदय प्रकाश को हटाने एवं अवर अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्यवाही के दिये आदेश
Image
दादर (अलवर) की बच्ची किरण कौर की पेंटिंग जापान की सबसे उत्कृष्ट पत्रिका "हिंदी की गूंज" का कवर पृष्ठ बनी।
Image
साहित्य के हिमालय से प्रवाहित दुग्ध धवल नदी-सी हैं, डॉ प्रभा पंत।
Image
गुजरा बचपन न लौटे कभी
Image
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की छत्रछाया में अवैध फैक्ट्रियों के गढ़ गगन विहार कॉलोनी में हरेराम नामक व्यक्ति द्वारा पीतल ढलाई की अवैध फैक्ट्री का संचालन धड़ल्ले से।
Image