प्रस्तुत है आकाश महेशपुरी द्वारा लिखी गई उनकी प्रचलित रचना ''पाँच साल सिसकाने वालों''


 


"पाँच साल सिसकाने वालों"
रचनाकार: आकाश महेशपुरी
---------------------------------------


जनता को तड़पाने वालों
आना फिर से वोट मांगने
पाँच साल सिसकाने वालों


फेंक रहे थे इतना ज्यादा
कहाँ गया वह तेरा वादा
अच्छे दिन का स्वप्न दिखाकर
वोट सभी लोगों का पाकर
रोटी को तरसाने वालों-
आना फिर से वोट मांगने
पाँच साल सिसकाने वालों


अब भी जुमले फेंक रहे हो
रोजगार की वाट लगाकर
अच्छे-खासे पढ़े-लिखे अब
बेच रहे हैं चाट बनाकर
ठेलों तक पहुँचाने वालों-
आना फिर से वोट मांगने
पाँच साल सिसकाने वालों


चोर-लुटेरे भाग गए सब
चौकीदारी खूब निभाई
जनता की जेबों को देखो
काट रहें हैं तेरे चाई
सबकी नींद चुराने वालों-
आना फिर से वोट मांगने
पाँच साल सिसकाने वालों


तुमने ऐसी नीति बनाई
आसमान छूती महँगाई
उसको भूखे मार रहे हो
जिसको तुम कहते थे भाई
भाई को भरमाने वालों-
आना फिर से वोट मांगने
पाँच साल सिसकाने वालों


वक्त बुरा आया है लेकिन
तुम तो चाँदी काट रहे हो
जाति-धर्म की आग लगाकर
इंसानों को बाँट रहे हो
कटुता तुम फैलाने वालों-
आना फिर से वोट मांगने
पाँच साल सिसकाने वालों
----------------------------------
प्रस्तुति: डाटला एक्सप्रेस 25/1/19


Comments
Popular posts
विद्युत विभाग के एक जूनियर इंजीनियर की अथाह सम्पत्ति का हुआ खुलासा, सम्पत्ति मे करोड़ो की कोठी सहित कई लग्ज़री गाड़ियां हैं शामिल।
Image
विद्युत विभाग के डिवीजन चार मे तैनात भ्रष्‍ट अवर अभियंता प्रवीण कुमार चौहान की अथाह सम्पत्तियों मे से एक और सम्पत्ति का हुआ खुलासा।
Image
वार्ड संख्या 64 से AIMIM प्रत्याशी फिरशाद चौधरी की जीत के बाद उनके समर्थकों द्वारा निकाली गई बाइक रैली मे काटा गया जबरदस्त हुड़दंग।
Image
अधिशासी अभियंता राजीव आर्य की तिकड़म बाजियां ऐसी जिसे देख शकुनी भी हो जाए नतमस्तक, इन्हीं तिकड़म बाजियों का सहारा ले एक बार फिर अपने चहेते लाइनमैन राजीव को बचाने की कर रहे कोशिश।
Image
'कुंभ' आस्था का महासागर
Image